पुष्पा इम्पॉसिबल देखते रहें, हर सोमवार से शनिवार रात 9:30 बजे, केवल सोनी सब पर
सोनी सब का ‘पुष्पा इम्पॉसिबल’ पुष्पा (करुणा पांडे) की दिल छू लेने वाली जीवनयात्रा से दर्शकों को लगातार मंत्रमुग्ध कर रहा है। पुष्पा एक दृढ़संकल्पित किरदार है जो अपनी मजबूत भावना के साथ जीवन की मुश्किलों का सामना करती है और उसकी यह बात दर्शकों को बहुत पसंद है।
हाल के एपिसोड्स में, दिलीप (जयेश मोरे) अपने परिवार के साथ रिश्ते ठीक करने के लिए कड़ी मेहनत करता है। वह दोबारा पुष्पा का दिल जीतने की हर संभव कोशिश कर रहा है, और दर्शक एक बॉन्ड बनते हुए देख सकते हैं जहां राशि (देशना दुगड़) पुष्पा के साथ रिश्ते सुधारने में अपने पिता की मदद कर रही है।
पुष्पा इम्पॉसिबल
दिलीप को उस समय बेहद दुखद स्थिति का सामना करना पड़ता है, जब वह कुछ लड़कों को उसकी बेटी राशि से छेड़खानी करते हुए देखता है। एक पिता की सुरक्षात्मक स्वभाव से अभिभूत होकर, दिलीप हरकत में आ जाता है और पूरे गुस्से से लड़कों से भिड़ जाता है जिससे वह खुद भी हैरान रह जाता है।
लेकिन, बाद में जो हुआ उसकी उसे उम्मीद नहीं थी। लड़कों के बुरी तरह आहत होने के कारण कई गंभीर समस्याएं पैदा हो जाती हैं, जिससे पुष्पा के साथ दिलीप का रिश्ता और भी खराब हो सकता है। दिलीप की हिंसक प्रवृत्ति के कारण अतीत में खड़ी हुई समस्याओं की यादों से परेशान होकर, पुष्पा उसके इस आक्रामक व्यवहार को नज़रअंदाज़ नहीं कर पाती है।
जैसे-जैसे तनाव बढ़ेगा, दर्शक पूरी उत्सुकता से उन मोड़ों की प्रतीक्षा करेंगे और अंदाज़ा लगाएंगे कि ये दिलीप के साथ पुष्पा की विश्वास की कमी को कैसे आकार देंगे।पुष्पा की भूमिका निभाने वाली करुणा पांडे कहती हैं, “पुष्पा दिलीप के हिंसक स्वभाव को अच्छी तरह से जानती है, और इससे वह अतीत में परेशान रही है। वह समस्याएं पैदा करने के बजाय हालात से शांति से निपटने पर विश्वास करती है।
पुष्पा मानती थी कि दिलीप बदल गया है, लेकिन इस हालिया घटना ने उसे फिर से चौराहे में ला दिया है, क्योंकि दिलीप के बदलाव को लेकर उसके मन में संदेह बना हुआ है।
जयेश मोरे – दिलीप
यह नवीन घटना उसके भ्रम को और भी बढ़ाने का काम करती है कि क्या दिलीप सचमुच बदल गया है या नहीं। दर्शक पुष्पा को निर्णय लेने की कठिन प्रक्रिया से गुज़रते हुए देखेंगे, जहां वह अपने अतीत से निपटती है और क्षमा व विश्वास को समझने की कोशिश करती है।”
दिलीप की भूमिका निभाने वाले जयेश मोरे कहते हैं, “दिलीप पुष्पा का यकीन जीतने और अपने परिवार को पुनर्मिलन करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, लेकिन जब वह अपनी बेटी को मुसीबत में देखता है, तो वह अपना आपा खो देता है, और पुष्पा के सामने अपने हिंसक स्वभाव को प्रदर्शित करता है।
पुष्पा और उसके बीच के हालात पहले से ही चुनौतीपूर्ण थे, लेकिन इस घटना ने पुष्पा के जीवन में फिर से अपनी जगह बनाने की उसकी कोशिश को और जटिल बना दिया है। कहानी एक और नाटकीय मोड़ लेगी, और दर्शक विभिन्न भावनाओं के उतार-चढ़ाव का अनुभव करने की उम्मीद कर सकते हैं।”